Detailed Notes on Shiv Chalisa lyrics
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥मैना मातु की ह्वै दुलारी । बाम
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥मैना मातु की ह्वै दुलारी । बाम